सतत सीखने के लिए कुछ सुझाव
1. नौकरी करने वाले कर्मचारियों के लिए संस्थान में सीखने के लिए उपयोगी परिवेश बनाना चाहिए जिससे सभी कर्मचारी सहर्ष सतत सीख को स्वीकार करे।
2. संस्थान संसाधान व प्रशिक्षण की उचित व्यवस्था तथा संकल्प प्रस्तुत करे, जिससे अधिक से अधिक कर्मचारी सतत सीख के लिए प्रेरित हो।
3. सतत सीखना अधिनायक से शुरू होती है। यदि शिक्षक ऐसा करते है तो विद्यार्थी सतत सीखने के लिए स्वतः प्रेरित होंगे।
4. उचित योजना, कार्यरत कर्मचारियों और नौकरी के इच्छुक अभ्यार्थियों दोनों को प्रोत्साहित करने के लिए अति आवश्यक है।
5. सतत सीखने के लिए विद्यार्थियों को समय और संसाधन प्रदान करना चाहिए।
6. सभी विद्यार्थी/कर्मचारी अपना-अपना व्यक्तिगत विकास योजना अवश्य बनाए, जिसे वह सतत सीखने से प्राप्त करना चाहते है। इससे प्रोत्साहन और कार्य शुरू करने की शक्ति मिलती है।
7. दोपहर के भोजन के समय समूह के अनौपचारिक सीखने की योजना एक उचित विचार है।
8. विद्यार्थी को प्रोत्साहित करने के लिए सतत सीख पर अनुभवी विशेषज्ञों के द्वारा कार्यशाला के आयोजन की व्यवस्था अवश्य करना चाहिए।
9. सभी विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन या दूरस्थ सीखने की व्यवस्था करना।
10. किसी भी परिवेश और परिस्थितियों से हमेशा कुछ न कुछ नया सीखने की कोशिश करना।
11. अनेक क्षेत्र का ज्ञान प्राप्त करने की कोशिश करना, लेकिन अपने लक्ष्य से कभी भी विचलित नहीं होना।
12. नई सूचना को प्राप्त करने के लिए अनेक प्रकार के तरीकों का उपयोग करना।
13. वर्तमान और भविष्य के सम्भावित तकनीकी प्रचलन पर तर्कसंगत सूचना और ज्ञान हमेशा प्राप्त करने की कोशिश करना। इससे वयस्क सीखने को प्रोत्साहन मिलता है।
14. सतत सीखने में लचीलापन होना चाहिए तथा नए परिवर्तन को अपनाने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।
15. अच्छे व कुशल व्यक्तियों से सामाजिक सम्पर्क बनाकर रखना जिससे उनसे सहायता लेना या देना सम्भव होसके।
16. सभी विद्यार्थियों को अपना एक लक्ष्य बनाना चाहिए, जिसे वह सतत सीखने से प्राप्त कर सकते हैं। इससे प्रेरणा, प्रोत्साहन, स्वयं सुधार, महत्वाकांक्षा की पूर्ति आदि गुणों का विकास होता है तथा असफलता का डर, झुझलाहट और नकारात्मक विचारों को दूर करने में सहायता मिलती है।
17. सतत सीखने पर सुझाव और मार्गदर्शन केवल विश्वस्त सूत्रों से ही प्राप्त करना चाहिए।
18. अपने उपलब्ध संसाधानों से आगे दृष्टिगत करके सूचनाओं को प्राप्त करने की कोशिश करना।
19. अपने सहपाठियों और शिक्षकों से निरन्तर प्रतिपुष्टि प्राप्त करके स्वयं की योग्यता में सुधार हेतु सतत सीखने पर ध्यान केंद्रित करना।
20. यह विश्वास करना कि सभी व्यक्तियों में उचित सीखने और अभ्यास से निरन्तर सुधार करने की क्षमता होती है।