भविष्य के विकास के लिए रिकॉर्डिंग करना
सतत व्यवसायिक विकास का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष सफलता के साथ प्रदर्शन करना होता है। अतः अपने सभी विकास की गतिविधियों का एक फोल्डर या अभिलेख बनाकर रखना या इसकी रिकार्डिंग करके वीडियो बना लेना। इसका उद्देश्य यह दर्शाना है कि किसी ज्ञान या दक्षता का विकास समय के साथ किस प्रकार हुआ है। यह करने के लिए निम्न निर्देश का पालन करना चाहिए-
1. अपने विकास के लक्ष्य का अभिलेख बनाकर रखना और उसके सापेक्ष प्रतिदिन किए गए प्रगति कार्य को क्रमबद्ध तरीके से दर्शाना।
2. जिस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को प्राप्त किया है, उसका सम्पूर्ण अभिलेख रखना जिससे यह पता चल सके कि क्या सीखा है।
3. उस प्रशिक्षण का वीडियो रिकार्ड बनाकर रखना जो सतत व्यवसाय विकास में सहायता करता है।
4. किसी परामर्श या सलाह का यदि कोई प्रशिक्षण कार्य हुआ हो तो उसका भी अभिलेख बनाकर रखना।
5. किताब या वेबसाइड का अभिलेख रखना जिससे सीखते समय सहायता प्राप्त किया हो।
6. यदि कोई उपयोगी कार्य या अन्य घटना प्रशिक्षण के समय घटित हुई हो उसका भी अभिलेख रखना।
अतः यह कहा जा सकता है कि सतत व्यवसायिक विकास एक निरन्तर प्रक्रिया है और व्यक्ति को अपने सम्पूर्ण व्यवसायिक जीवन में सीखते रहना होता है। यह उत्तम विचार है कि अपने व्यवसायिक नौकरी के शुरुआत से ही सीखने की प्रक्रिया को विकसित कर लेना चाहिए।