व्यक्तिगत विकास का लाभ/महत्व
व्यक्तिगत विकास का महत्व/लाभ अनगिनत है, उसमें से कुछ निम्नवत उल्लेखित है-
1. जब व्यक्ति स्वयं के जीवन, स्वयं की सोच, अपने सम्बन्ध और अपने लक्ष्य में सुधार करता है, तो वह ज्यादा प्रसन्न हो जाता है।
2. व्यक्तिगत विकास मित्र, परिवार और दूसरे से सम्बंधो में सुधार होता है।
3. व्यक्ति नए तथ्य सीखता है जिससे उसकी जीवन शैली और संस्कृति में सुधार होता है।
4. जब व्यक्ति परिवर्तन को अपनाता है तथा सकारात्मक रूप से देखता है तो वह असम्भावी परिवेश को बिना किसी झुंझलाहट और आवेश के पूरा करने में सक्षम होता है।
5. व्यक्ति समस्या का सफलतापूर्वक समाधान करता है और निर्णय अच्छी तरह लेने में सक्षम होता है।
6. व्यक्ति प्रसन्न रहता है अतः उसका स्वास्थ्य भी सुधार जाता है।
7. व्यक्ति अपनी क्षमता और योग्यता के अनुसार लक्ष्य निर्धारित करता है तथा उसे प्राप्त करने की कोशिश करता रहता है।
8. जीवन में व्यक्तिगत विकास से आर्थिक सफलता प्राप्त करना सम्भव होता है।
9. व्यक्ति दूसरों को प्रभावित या सहायता करने में सफल होता है।
10. लक्ष्य प्रक्रिया के अनुसार प्राप्त करने में व्यक्तिगत विकास सहायता करके व्यक्ति को संतुष्टि का अनुभव कराता है।
11. व्यक्ति विकास आत्मविश्वास और सृजनता को पोषित करता है|
12. व्यक्ति, व्यक्तिगत विकास करके अपने सीखने की प्रगति और अवसरों के प्रति अत्यधिक, जागरूक हो जाता है।
13. व्यक्ति अच्छी तरह सोचने में सक्षम हो जाता है, जिससे उसकी कार्य शैली उतृष्ट हो जाती है।
14. प्रसन्नचित व्यक्ति ही अच्छे समाज का निर्माण कर सकता है।
15. यह स्वयं सम्मान को बढ़ा देता है, जो विकट परिस्थितियों से निपटने में व्यक्ति को सक्षम बना देता है।
16. सफलता व्यक्ति को सकारात्मक सोच प्रदान करती है, जिससे अधिक से अधिक अवसरों का दरवाजा खुल जाता है।
17. यह असफलता के डर, झुंझलाहट और आकुलता को दूर करता है।
18. सफल व्यक्ति यह हमेशा सोचता है कि सुधार के लिए अवसर हमेशा बना रहता है।
19. व्यक्तिगत विकास से सम्प्रेषण और अभिधारणा में स्पष्टता आ जाती है।
20. व्यक्ति अपने कार्य पर ज्यादा ध्यान देता है, तथा कार्य के सुव्यस्थित पथ का चयन करता है।
21. व्यक्ति के वर्तमान ज्ञान, दक्षता और प्रवीणता के स्तर में अप्रत्याशित रूप से बढ़ा देता है।
22. व्यापारिक मानक बढ़ जाने से आर्थिक आय बढ़ जाती है।
23. व्यक्तिगत विकास से छिपी बुद्धिमताऔर जागरूकता दृष्टिगोचर हो जाती है।
24. इससे अनुभूति, आवेश विचार और सोच का भटकाव दूर होता है।
25. आन्तरिक प्रेरणा बढ़ जाती है, जिससे कार्य क्षेत्र का ठहराव दूर हो जाता है।
26. व्यक्ति व्यक्तिगत विकास के बाद अधिक आत्म सन्तुष्टि और प्राप्ति सन्तुष्टि का अनुभव करता है।
27. व्यक्ति कार्य के प्रति पूर्णतया समर्पित होता है और अतिरिक्त जिम्मेदारी उठाने के लिए भी तैयार रहता है।
28. इस प्रकार का व्यक्ति दूसरों के लिए प्रोत्साहन और नेतृत्व भूमिका का आदर्श बन जाता है।
29. व्यक्तिगत विकास से व्यक्ति तुरन्त कार्य करने के लिए तत्पर हो जाता है और आरामदायक प्रवृत्ति और आदत बनाने से दूर रहता है।
30. हमेशा अपने लिए उच्च लक्ष्य निर्धारित करता है, तथा उसे प्राप्त करने की कोशिश करता है।
31. इस प्रकार के व्यक्ति नकारात्मक सोच, विचार, दृष्टिकोण, व्यवहार और व्यक्तित्व का विकास नहीं करते हैं।
32. समय प्रबंधन के अनुसार हमेशा उचित प्रकार से अपना समय व्यवस्थित करने की कोशिश करते हैं।