व्यवसायिक लक्ष्य निर्धारण के लाभ
1. लक्ष्य निर्धारण एक स्पष्ट कार्य दिशा निश्चित कर देता है, जिससे सफलता प्राप्त हो जाती है।
2. लक्ष्य प्राप्ति से व्यक्तिगत और व्यवसायिक इच्छा पूर्ति होने से आत्म सन्तोष का भाव उत्पन्न होता है।
3. लक्ष्य निर्धारित से प्रेरणा का सृजन होता है और यह प्राप्ति तक बना रहता है। यह विशेष रूप से प्रतिकूल परिस्थितियों में अत्याधिक सहायता प्रदान करता है।
4. समय परिवर्तन तो अवश्य ही होगा, उसके अनुसार प्राथमिकता निर्धारण करने में क्रमवार तरीके से उद्देश्य बनाने में सहायता करता है।
5. समय सीमा से कार्य समापन में लक्ष्य निर्धारण सहायता करता है।
6. किसी व्यवसाय से क्या स्पष्ट अपेक्षा है यह लक्ष्य निर्धारण से ही सुनिश्चित होता है।
7. मस्तिष्क की अचानक उत्तेजना को लक्ष्य निर्धारण समाप्त करके योग्यता को कार्य पथ पर निरन्तर अग्रसारित करता है।
8. किसी विशेष पद या योग्यता को प्राप्त करने के लिए लक्ष्य निर्धारण जीवन पर्यन्त सीखने का साधन प्रदान करता है।
9. जीवन में क्या महत्वपूर्ण है लक्ष्य निर्धारण इसको स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है।
10. व्यक्ति अपना कार्य किस प्रकार आगे बढ़ाए इसका निर्णय लेने में लक्ष्य निर्धारण सहायता करता है, लेकिन इसके लिए यह आवश्यक है कि व्यक्ति को पता होना चाहिए कि वह क्या प्राप्त करना चाहता है।
11. व्यवसायिक लक्ष्य निर्धारण व्यक्ति को साहस के साथ अपने सपनों की पूर्ति की दिशा में जाने में सहायता करता है।
12. यह प्रतिदिन छोटे-छोटे कार्य करने के लिए प्रेरित करना है, जो समय के साथ एक वर्ष में एक बड़े प्राप्ति में परिवर्तित हो जाता है और आगे और बढ़ता रहता है।
13. व्यक्ति कौन है और जीवन में क्या प्राप्त करना चाहता है अर्थात जीवन के उद्देश्य की पहचान में लक्ष्य निर्धारण से सहायता मिलती है।
14. लक्ष्य चाहे व्यक्तिगत या व्यवसायिक हो उसकी पूर्णता के लिए अत्याधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है तथा कार्य में उपस्थित चुनौती का सामना करने के लिए अत्यधिक रुचि की आवश्यकता होती है। यह व्यक्ति को प्रत्येक दिन जीवन में क्या है इसको देखने का अवसर प्रदान करता है।
15. लक्ष्य निर्धारत व्यक्ति की सृजनात्मक क्षमता के श्रोत को जागृत कर देता है। जिससे व्यक्ति लक्ष्य प्राप्ति पर केंद्रीत हो जाता है।
16. लक्ष्य निर्धारण व्यक्ति की सम्प्रेषण क्षमता को बढ़ा देता है, जिससे वह दूसरे व्यक्तियों को स्पष्टता से समझने में सफल होता है कि वह क्या करने की कोशिश कर रहा है।
17. व्यक्ति अपने लक्ष्य को एक दिन में न तो प्राप्त कर सकता है और न ही परिवर्तित कर सकता है लेकिन उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उचित दिशा का निर्धारण अवश्य कर सकता है।
18. आज तक जिस-जिस महान व्यक्तियों ने सफलता प्राप्त की है, उन्होंने लक्ष्य का निर्धारण किया और अपनी दृष्टि उस लक्ष्य पर जो कभी-कभी असम्भव लगता है, बनाए रखा और अन्त में सफलता प्राप्त कर लिया।
19. बिना कार्य किए हुए लक्ष्य प्राप्ति का आशय उन महान लोगों का अपमान है जो व्यक्ति से उतृष्ट कार्य की आशा करते है।
20. यह एक कदम अर्थात उचित लक्ष्य का निर्धारण और उसे प्राप्त करने का प्रयास, सब कुछ बदल देता है।
21. लक्ष्य निर्धारण विशेष रूप से व्यवसायिक लक्ष्य निर्धारण व्यक्ति की व्यक्तिगत छवि को सुधार देता है।अथवा समूह की सामूहिक छवि सुधार जाती है।
22. अपनी शक्ति के प्रति पूरी तरह जागरूक रहो और इसे समस्या का समाधान करने में उपयोग करो और अपनी कमजोरियों पर केंद्रीत होकर इसमें सुधार करो।
23. अपनी पिछली सफलताओं को याद करके भविष्य की सफलता के लिए संवेदना का सृजन करो।
24. लक्ष्य निर्धारण का कार्य पथ बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए, जिससे यह पता चले कि कहा जाना है।
25. लक्ष्य निर्धारण के द्वारा वास्तविकता को इच्छायुक्त सोच से अलग किया जा सकता है।
26. अपने जीवन प्रगति के लिए स्वयं को उत्तरदायी बनाओ। अपने सभी समूहों को उनकी सफलता और असफलता के लिए उन्हें जिम्मेदार बनाना।
27. लक्ष्य के अभाव में व्यक्ति एक कार्य से दूसरे कार्य तक बिना किसी कार्य को पूर्ण किए ही भटकता रहता है तथा असफलता ही उसे मिलती है। इससे तनाव बढ़ता है तथा यह व्यक्ति की व्यक्तिगत और व्यवसायिक योग्यता और क्षमता भी प्रभावित होती है।
28. खाने की आदत और अभ्यास की आदत में सुधार लक्ष्य निर्धारण से होता है।
29. व्यवसायिक लक्ष्य निर्धारण से व्यक्ति की कार्य टालने की प्रवृत्ती को समाप्त करने में सहायता मिलती है और कार्य पर केंद्रीत करने का आत्मबल विकसित होता है।
30. किसी भी संस्थान/प्रतिष्ठान में प्रत्येक कर्मचारी यह जानना चाहता है कि संस्थान की उससे क्या अपेक्षा है जिससे वह अपने कार्य के माध्यम से उस अपेक्षा को पूरा कर सके। इसके लिए स्मार्ट लक्ष्य निर्धारण ही ऐसा उपाय है जिससे सभी कर्मचारियों को उसके कार्य पर केंद्रीत रखा जाता है तथा उनके भटकाव को रोका जाता है।