Overview
Curriculum
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अनुदेशनात्मक कार्य का संगठन और प्रबंधन
- अनुदेशनात्मक कार्य का संगठन और प्रबंधन
- प्रशिक्षण व प्रबन्धनात्मक जिम्मेदारियों
- निम्न के सम्बन्ध में अवश्य सूचना रखें
- योजना का क्रम
- प्रभावकारी प्रदर्शन: कार्यशाला का प्रबन्धन
- प्रशिक्षण का कार्यक्रम
- सक्रिय/अनुभव और कौशल प्रदर्शन
- सैद्धान्तिक कक्षा का प्रबन्धन
- अनुदेशनात्मक, परिसर का विन्यास (खाका): उपलब्ध जगह की उपयोगिता
- कार्यशाला के जमीन (फ्लोर) की जगह का आबंटन
- ले-आउट (विन्यास) की तैयारी
- अति सुव्यवस्थित कार्यशाला की विशेषताएँ
- कार्यशाला का प्रबन्धन
- प्रदर्शित करना
- वातावरण या परिवेश
- उपकरण औजार तथा अन्य सामानों की प्राप्ति तथा अनुरक्षण
- औजार के लिए कुछ संकेत
- उपस्कर के लिए कुछ संकेत
- मशीन
- सामान और उनका विवरण
- सुव्यस्थित कार्यशाला का प्रबन्धन
- सुव्यवस्था
- रंगों की गतिशीलता
- गैगवेज (चौड़ा रास्ता) और एलीज (संकरा रास्ता)
- औजार और उपकरण का भंडारण
- स्क्रैप (रद्दी माल) और खराब सामान
- प्रथम उपचार पेटी
- अग्नि शामक यन्त्र
- सुव्यवस्था से लाभ
- रंगों की गतिशीलता का महत्व
- कार्यशाला सुरक्षा का महत्व
- सुरक्षा सावधानियाँ
- सेफ्टी- (सिस्टमेटिक अप्लीकेशन ऑफ फारमुलेटेड इसेन्सीएलिटी टेण्डर यील्ड)।
- कौशल प्रशिक्षण में अनुशासन
- अनुशासन का ‘हॉट स्टोव’ नियम
- सफल नेतृत्वकर्त्ता कैसे बने
- अनुशासन के संदेश वाक्य
- अनुशासन (डिसीपिलीन
- सुव्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक कारक
- गुणवत्ता की मूलभूत अभिधारणा और ‘5 एस’
- परिशिष्ट-1: निवारक परीक्षण सूची
- 5 एस परीक्षण सूची
- मूल्यांकन रिपोर्ट
- गुणवत्ता नियन्त्रण की मूल अभिधारणा
- गुणवत्ता क्या है
- ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- गुणवत्ता क्या कर सकती है
- गुणवत्ता प्रबन्धन के चार मुख्य तन्त्र
- गुणवत्ता प्रबन्धन का परिणाम
- गुणवत्ता प्रबन्धन की तीन प्रक्रिया
- गुणवत्ता सुधार के लिए प्रबन्धन का सहयोग
- कार्य सतह तक गुणवत्ता नियन्त्रण के विशिष्ट उपायों का उपयोग
- गुणवत्ता के सात मूल औजार
- गुणवत्ता का अर्थ क्या है
- आक्सफोर्ड शब्दकोष के अनुसार गुणवत्ता उत्कृष्टता की उपाधि है
- गुणवत्ता वृत्त के कार्य करने का तरीका:-
- गुणवत्ता वृत्त समूह की मूल अभिधारणा
- गुणवत्ता प्रबन्धन तन्त्र
- प्रबन्धन के आठ सिद्धान्त
- सम्बन्धों का विकास